Welcome Message

जय जिनेंद्र

जियो और जीने दो
twitter

Follow on Tweets

बूचड़खाने हैं धरती के नर्क: मुनिश्री तरुणसागरजी


इंदौर. बूचड़खाने धरती के नर्क हैं। राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर और गांधी के देश में बूचड़खानों का होना भारत के माथे पर कलंक है। व्यापार में हिंसा एक बार क्षम्य हो सकती है लेकिन हिंसा का व्यापार कतई क्षम्य नहीं हो सकता। कत्लखाने खोलना हिंसा का व्यापार है।
उ.प्र. की मायावती सरकार नए बूचड़खाने खोलने की इजाजत देकर अहिंसा प्रेमियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है। ऐसे में लोगों को अब तीर्थो पर जाने की जगह अल कबीर जैसे कत्लखानों के दर्शनार्थ जाना चाहिए। कत्लखानों के दृश्य देखकर शायद ही कोई मांसाहारी रह पाए। उक्त विचार मुनिश्री तरुणसागरजी ने सुभाष चौक स्थित जैन मंदिर में व्यक्त किए। वे उ.प्र. की मायावती सरकार द्वारा नए बूचड़खाने खोले जाने के विरोध में बोल रहे थे। 
                                                                              मुनिश्री तरुणसागरजी महाराज